आईएएस अधिकारी शाह फैसल के इस्तीफे पर मलिक ने कहा कि वह खुद ही सरकारी कर्मचारी थे और इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। चुनाव आयोग ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव अगले छह महीने के भीतर आयोजित किया जाएगा।
यहां तक कि आयोग ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के विधानसभा चुनाव आयोजित कराने की संभावना से भी इनकार नहीं किया था। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त ओ. पी. रावत ने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव मई से पहले आयोजित कराना चाहिए। इसे संसदीय चुनाव से पहले भी कराया जा सकता है।' उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 28 दिसंबर को लोकसभा में कहा था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के पास राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि कोई भी पार्टी या गठबंधन सरकार बनाने का दावा करने के लिए सामने नहीं आए थे। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव ‘जल्द से जल्द’ आयोजित होने चाहिए।