हजारीबाग/ बरकट्ठा: प्रखंड क्षेत्र के शिलाडीह पंचायत के जवार, पहाडपुर, तैतरिया, कुशहन,तुर्कडीहा आदि आदिवासी बहुल इलाकों में आज भी आजादी के इतने वर्षों के बाद भी लोग अपने जीवन-यापन के लिए जंगली खाद्य पदार्थ पर निर्भर है एवं यातायात के लिए एकमात्र कच्ची सड़क है । यहॉ आजादी के बाद से आज तक नदी पर पुल निर्माण कार्य नहीं होने के कारण बीमार व्यक्तियों को पगडंडियों के सहारे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या जिला अस्पताल ले जाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । ऐसी समस्याओं से हजारों लोगों की आबादी वाले इन गांव के लोग परेशान रहते हैं ।इसपर न ही सरकार के नुमाइंदे या जनता के जनप्रतिनिधियों का ध्यान जाता है। इस विकट समस्या के समाधान हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाने के कारण जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी नुमाइंदो के लिए एक चुनौती का सवाल है । यह सवाल उठता है कि आज इक्कीसवीं सदी में लोग भी अपना जीवन-यापन नया भारत के अलग दौर से व्यतीत कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़,पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं से आज भी ऐसे लोग वंचित हैं ।इससे इन गांवों के निवासियों के बीच निराशा का माहौल व्याप्त है। स्थानीय स्तर के प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के लिए इन आदिवासी बहुल इलाकों में सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिए ,जिससे लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ सकें.।