समय के साथ भारत में भी रिश्ते बदल रहे हैं इनमे एक रिश्ता है लिव-इन-रिलेशनशिप| मेट्रो कल्चर में पनपा ये रिश्ता अब छोटे शहरों में भी पहुँच गया है|हमसे अक्सर युवा लिव-इन-रिलेशनशिप से जुड़े बहुत सारे सवाल पूछते हें खास तौर से एक सवाल पूछा जाता कि क्या लिव-इन रिलेशन में रहने के लिए कोइ सर्टिफिकेट होता है|
आज हम इन्ही सब सवालों पर बात करेंगे कि लिव-इन रिलेशनशिप क्या होता है? क्या इसके कुछ कानून हैं| अगर लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए बच्चा पैदा हो जाए तो उसके माता पिता की संपत्ति में क्या अधिकार होंगे| क्या बच्चा पैदा हो जाने से लिव-इन-रिलेशनबदल कर पती पत्नी के रिश्ते में तब्दील हो जाएगा|लिव-इन-रिलेशनशिप में क्या रेप का चार्ज लग सकता है|आइये समझते हैं|
लिव इन रेलशनशिप का मतलब
पहले बात करते हैं कि लिव इन रेलशनशिप क्या होता है| लिव इन रिलेशन में कोइ भी दो बालिग़ लोग बिना शादी किये एक साथ रहने का फैसला करते हैं| दोनों स्वतन्त्र होते हैं| अगर इन्हें अलग होना होता है तो तलाक जैसी प्रोसेस की कोइ जरूरत नहीं होती|लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले कपल भारतीय कानून के अनुसार विवाहित नहीं माने जाते| भारत में अभी लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में कोई ठोस कानून भी नहीं है | लेकिन रिश्ते हैं तो कानूनी समस्याएँ भी हैं,आये दिन लिव में रहने वाले कपल अपनी समस्यायों को लेकर लोग थाने और कोर्ट पहुंचते है| और कोर्ट महिला सुरक्षा और पुरुष अधिकारों की रक्षा से जुड़े कानून के हिसाब से लिव इन कपल के मसलो का निपटारा करता है|
लिव-इन रिलेशन और सर्टिफिकेट
बात करते हैं सबसे महत्वपूर्ण सवाल की| ये सवाल सबसे ज्यादा पूछा गया है|कि क्या लिव इन में रहने के लिए कोइ सर्टिफिकेट बनता है|तो जवाब है नहीं लिव-इन में रहने का कोइ कानूनी सर्टिफिकेट नहीं होता| ये दो बालिग़ लोगो का एक छत के नीचे रहने का फैसला है|लेकिन कई बार आपके ऐसे सवाल काफ्रोड लोग फ़ायदा उठा लेते हैं वो आपसे नोटरी पेपर पर समझौता पत्र बनाकर अच्छा खासा पैसा ऐंठ लेते हैं| वो कहते हैं कि अब आपका रिश्ता लीगल हो गया| लेकिन ये एकदम फर्जी बात है|
लिव-इन में रहें की शर्तें
लिव इन में रहने का कोइ कानून नहीं है लेकिन इसकी कुछ शर्ते जरूर हैं जैसे कि लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने के लिए कपल का बालिग़ होना अनिवार्य है| यानी लडकी की उम्र 18 और लडके की उम्र 21 होनी चाहिए| क्योंकि अगर लडकी की उम्र कम हुई तो लडकी के घरवाले केस भी कर सकते हैं| लड़का भारी मुसीबत में पड सकता है| एक और बात कि लिव-इन-रिलेशनशिप का वैसे तो कोइ कानून नहीं है लेकिन अब ये घरेलु हिंसा कानून के दायरे में आता है| तो ज़रा संभल कर| क्योंकि लिव-इन-रेलशनशिप में कोइ बंधन नहीं होता| ये रिश्ता काफी अस्थिर सा होता है| ज़रा सी बात पर थाना कचेहरी हो सकते हैं|
लिव-इन-रिलेशनशिप की दूसरी जरूरी शर्त है दोनों को अविवाहित होना चाहिए या फिर तलाकशुदा या विधुर होना अनिवार्य है| अन्यथा इसे एडल्ट्री माना जाएगा|यानी कि आप एक वक्त में एक ही रिश्ते में रह सकते हैं|
लिव-इन-रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चे के अधिकार
अगर लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते वक्त बच्चा पैदा हो जाए तो उसके क्या अधिकार होंगे और क्या तब उनका रिश्ता विवाहित कहलायेगा| तो जवाब है कि लिव-इन-रेलाशनशिप में पैदा होने वाले बच्चे को पिता का नाम और सम्पत्ति में पूरा हक मिलता ठीक वैसे ही जैसे एक जायज बच्चे को मिलता है|लेकिन आपको विवाहित नहीं माना जाएगा|
लिव-इन-रिलेशनशिप में लड़की के अधिकार
इन-इन-रिलेशनशिप का चौथा सवाल होता है कि क्या लिव-इनरिलेशनशिप टूट जाने के बाद लड़की कोर्ट से मेंटिनेंस ले सकती है जैसे एक पत्नी को मिलता है? तो इसका जवाब है बिल्कुल नहीं| लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाली महिला घरेलु हिंसा मामले में पुरुष को सजा तो दिलवा सकती है लेकिन इस तरह के केस में वो पत्नी की तरह मेंटीनेंस नहीं ले सकती|इसी से जुडा एक और सवाल है की क्या इसमे लड़की लडके के ऊपर रेप का चार्ज लगा सकती है| जवाब थोड़ा अजीब है लेकिन सच है| लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे रिश्तो का एक बड़ा आधार सेक्स और आपसी सामजस्य होता है| इसीलिए लिव-इन-रिलेशनशिप में रेप के चार्ज नहीं लगाए जा सकते है|
उम्मीद है कि लिव-इन से जुड़े कानूनी और इमोशनल मसलो पर आपको कुछ क्लियरेंस मिला होगा| ये रिश्ता जितना स्वच्छन्द और आजाद है उतना ही पेचीदा भी है| हमारी तो यही सलाह है कि लिव-इन-रिलेशनशिप मे जाने से पहले 100 बार विचार जरूर कीजिएगा|