हिंदुस्तान की सरजमीं से कई शौर्य गाथाएं निकली हैं। मगर इस देश ने दुनिया के सामने प्रेम की कई मिसालें भी पेश की। एक वक्त था जब उन कहानियों से प्रेरणा लेकर लोग जीने मरने की कसमे खाते थे। भारत के इतिहास में ऐसी प्रेम कहानियों ने जन्म लिया जिसने समाज की परवाह किये बिना प्यार को चुना। दुश्मनी दोस्ती में बदल गयी और दोस्त दुश्मन बन गए। भारत के इतिहास में कई असाधारण प्रेम कहानियां मिलती हैं जो दुनियाभर के लिए आज भी मिसाल है। आज ऐसी ही कुछ मशहूर प्रेम कहानियों के बारे में जानते हैं।
शाहजहां-मुमताज
ऐतिहासिक प्रेम कहानियों की इस फेहरिस्त को शाहजहां-मुमताज का नाम लिए बिना शुरू करना गलत होगा। इनकी अनोखी प्रेम कहानी की निशानी आज भी ताजमहल के रूप में मौजूद है। शाहजहां की यूं तो कई बेगमें थी लेकिन मुमताज के प्रति उनके प्रेम का जुनून ही था जिसने उन सगमरमर के पत्थरों को भी जीवंत कर दिया। आज भी ताजमहल की दरों-दीवारों पर उनकी कहानी गूंजती है।
पृथ्वीराज-संयुक्ता
शौर्य और पराक्रम के लिए तो पृथ्वीराज की कई कहानियां मशहूर हैं। मगर इस वीर ने प्रेम के मैदान में भी अपनी पताका लहराई। दरअसल पृथ्वीराज को अपने शत्रु कन्नौज के राजा जयचंद की बेटी संयुक्ता से प्रेम हो गया। जयचंद को जब इस बारे में पता चला तब वो काफी क्रोधित हुए और संयुक्ता के स्वंयवर का आयोजन किया। इस स्वयंवर में उन्होंने कई राजकुमारों को बुलाया लेकिन जयचंद ने पृथ्वीराज को निमंत्रण नहीं दिया और अपने दरबार के बाहर उसका एक पुतला बनवाकर दरबान के तौर पर खड़ा कर दिया। संयुक्ता से जब वरमाला डालने के लिए कहा तब वो उस सभा में मौजूद सभी राजकुमारों को छोड़ कर द्वार पर चली गयी और पृथ्वीराज के पुतले को माला पहना दी। उस पुतले के पीछे पृथ्वीराज पहले से मौजूद थे और सबके सामने वो संयुक्ता को अपने साथ भगा कर ले गए।