शिवालिक की पहाड़ियों की तलहटी में सरस्वती उदग्म स्थल पर सरोवर के किनारे वैदिक मंत्रों उच्चारण की गूंज के साथ अंतराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का शुभारंभ हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल, केन्द्रीय जल शक्ति एवं समाजिक न्याय अधिकारिता राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया, विधायक धनश्याम दास अरोडा ने सरस्वती उद्गम स्थल पर सरस्वती नदी की पूजा अर्चना की। सरस्वती सरोवर के समीप हवन यज्ञ में शिक्षा मंत्री चौ कंवर पाल गुर्जर, केन्द्रीय मंत्री रत्न लाल कटारिया, विधायक धनश्याम दास अरोडा, प्रशासनिक अधिकारियों सहित स्थानीय लोगों ने पूर्णा आहुति डाली। मंत्रों उच्चारण का कार्य आचार्य राजेश्वर शास्त्री, अरविनंद चौंबे, ब्रहमचारी विनय स्वरूप ने पूरे विधि विधान से सम्पन्न करवाया। समारोह में एमआर इंटरनेशन स्कूल के द्वार सरंस्वती वंदना प्रस्तुत की गई, खंड के विभिन्न स्कूलों ने सांसकृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में पहली बार एनटीवाईसीसी ओर से तमिलनाडु की प्रसिद्ध नृत्का वाणि राजमोहन के द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। शिक्षा मंत्री के द्वारा विभिन्न स्कूलों के बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बेहतरीन प्रस्तुति देने पर एक लाख रूपये व सभी बच्चों के साथ फोटो खिचवा सम्मान स्वरूप देने की घोषणा की।
देश की धरोवर व संस्कृति के लिए भगवाकरण जरूरी
देश की संस्कृति की रक्षा करने के लिए भगवाकारण बहुत जरूरी है विपक्ष का आरोप होता है कि भाजपा देश केा भगवा करने में लगी हुई है भगवा करने के लिए ही कार्य कर रहे है, पूरे विश्व की 50 सभ्यताओं में से केवल एक मात्र हिंदू सभ्यता ही भगवा करण से ही बची है पूरे देश मे भगवान का सम्मान त्याग व तप के कारण किया जाता है। उक्त शब्द अंतराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के शुभारंभव के अवसर पर कहे। वर्ततान पीढ़ी को सरस्वती के बारे में जानकारी देना बहुत जरूरी है सरस्वती नदी हमारे देश की प्राचीन धरोवर है जिसके किनारे सभी वेदों व महापुराणों की रचना की गई है। नासा ने भी सेटेलाइट के माध्यम से यह बता दिया है कि आदि बद्री में धरती के नीचे सरस्वती नदी की धारा प्रवाहित हो रही है। भारत की संस्कृति सरस्वती नदी से जुडी है। आदि बद्री से गुजरात तक बहने वाले सरस्वती नदी के पानी व रेत को अलग अलग जगह भू वैज्ञानिकों के द्वारा निरीक्षरण किया गया है सभी जगह की रिपोर्ट एक सी आने पर ही सरस्वती के असिस्तव को धरा पर लाने के लिए कार्य शुरू किया गया है। प्राचीन धरोहरों के बारे में समाज के प्रत्येक नागरिक को जानकारी होनी अतिआवश्यक है। क्योंकि किसी भी देश को आगे बढ़ने व विश्व में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए संस्कृति को बचाए रखना बहुत जरूरी है। संस्कृति के खत्म होने से पिछड़ापन आता है। प्राचीन समय में भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिया जाता रहा है क्योंकि प्राचीन समय से ही भारत मे महिलाओं का सम्मान किया जाता रहा है जैसे ही महिलाओं के सम्मान में कमी आई देश भी पतन की ओर बढ़ने लगा, देश को उच्च बनाने के लिए महिलाओं को समानता का दर्जा दिया जाना अति आवश्यक है प्रदेश सरकार सरस्वती नदी की धारा को प्रवाहित करने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है। केन्द्र व प्रदेश सरकार को प्रयास है आदि बद्री व सरस्वी उद्गम स्थल के समीप सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।
पूरे देश में नदियों को जोड़ने के लिए प्रोजेक्ट कार्य शुरू
केन्द्रीय मंत्री रत्न लाल कटारिया ने कहा कि आज से लगभग बीस साल पूर्व दर्शन लाल जैन के माध्यम से सरस्वती नदी के प्रोजेक्ट से जुडा था, इसके पश्चात सांसद बनने के बाद सरस्वती के बारे में संसद में भी आवाज उठाई, केन्द्र सरकार की ओर से देश की सभी नदियों मे हमेशा जल प्रवाहित करवाने के लिए 30 प्रोजेक्ट चलाए रहे हैं जो कि पूरे देश की नदियों को आपस में जोड़ने का काम करेंगे। ताकि जिन नदियों में सरप्लस पानी है उस पानी को जरूरतमंद क्षेत्रों में प्रवाहित किया जा सके। इस कार्य के लिए चार नदियों की डीपीओ तैयार है। उतर प्रदेश व मध्य प्रदेश के बीच समझौत की बातचीत अंतिम चरण में है जैसे ही समझौता हो जाता है भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी का देश की नदियों को आपस में जोड़ने की येाजना के सपने का सकार रूप मिलना शुरू हो जाऐगा। उनके पास विभाग सेंटर फिल्ड वाटर की जांच भी समय समय पर करता रहता है। इस मौके पर हरियाणा सरस्वती विकास धरोहर के वाईस चेयरमेन प्रशांत भूषण, उपायुक्त मुकुल कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त केके भादू, एसडीएम नवीन आहुजा, तहसीलदार तरूण सहोता, बीडीपीओ दिनेश शर्मा, जोगेश कुमार, चेयरमेन विपिन सिंगला, चेयरमेन महिपाल संधाए, रिषी पाल, सुरेन्द्र बनकट, दीपक छाबड़ा, पृथ्वी सिंह, दाता राम, अनिल सैनी, माम चंद, सरंपच चन्द्र मोहन कटारिया सहित अनेक लोग मौजूद रहे।