सोमवार को डीआरडीए हॉल में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग शुरू होने से पहले ही बड़ा हंगामा हो गया। कुर्सी नहीं मिलने से नाराज होकर जींद से भाजपा विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा मीटिंग छोड़कर चले गए।इनके साथ ही कष्ट निवारण समिति के भाजपा समर्थक सदस्य भी चलने लगे तो मंत्री अनूप धानक के पूछने पर उन्होंने इसका खुलासा किया। इस पर मंत्री खुद जाकर विधायक को मनाकर वापस लाए। इसे लोग भाजपा और जेजेपी के बीच तालमेल की कमी के रूप में देख रहे हैं।
दरअसल सोमवार को दोपहर 12 बजे जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग तय हुई थी। विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा करीब साढ़े 12 बजे यहां पहुंचे। इसके 30 मिनट बाद जब मंत्री अनूप धानक पहुंचे तो विधायक उनके सम्मान में खड़े हो गए। इसके बाद जब बैठने लगे तो मंत्री अनूप धानक ने विधायक वाली कुर्सी पर एएसपी अजीत सिंह शेखावत को बैठा दिया। विधायक डॉ. मिड्ढा खड़े रह गए। उन्होंने पीछे से दूसरी कुर्सी लेनी चाही लेकिन इसके लिए जगह नहीं बन पाई। इस पर वे मीटिंग से चले गए। इस दौरान कष्ट निवारण समिति के सदस्य रामफल शर्मा किसी विषय पर बात रख रहे थे। अपनी बात पूरी करते ही वे और भाजपा के तमाम समिति सदस्य सदन से उठ गए। इस पर मंत्री ने उनसे पूछा तो रामफल शर्मा ने गुस्से से कहा कि उनके विधायक को ही जगह नहीं मिली तो वे क्या करेंगे। इस पर खुद मंत्री अनूप धानक गए और मिड्ढा को मनाकर वापस लाए। हालांकि मीटिंग के बाद मंत्री अनूप धानक ने मिड्ढा के घर जलपान भी किया।
भाजपा नेताओं ने की नारेबाजी
मिड्ढा के बाहर जाने के बाद भाजपा समर्थक कष्ट निवारण समिति के सदस्यों ने मंत्री अनूप धानक के खिलाफ नारेबाजी की। इन लोगों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग करेंगे कि जींद में कष्ट निवारण समिति का चेयरमैन बदला जाए।
विधायक ने साधी चुप्पी, मंत्री बोले- किसी काम से गए थे
इस पूरे मामले में विधायक डॉ. मिड्ढा ने चुप्पी साध ली। हालांकि उनसे इस बारे में पूछा गया, लेकिन मिड्ढा मीटिंग समाप्त होने से पहले ही निकल गए। वहीं मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री अनूप धानक ने कहा कि कष्ट निवारण समिति के सदस्यों को गलतफहमी हुई, जिसके कारण यह मामला हुआ। मंत्री के अनुसार विधायक डॉ. मिड्ढा जरूरी काम से गए थे। जब उनसे फोन पर बात की गई तो उन्हें बुला लिया गया।