कहते हैं कि हिम्मत हो तो बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है। यह बात एक ऐसे दिव्यांग ई-रिक्शा चालक गोविंद ने साबित की है, जिसके दोनों पैर नहीं हैं। वह ई-रिक्शा के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा है। ऐसे प्रेरणा स्त्रोत दिव्यांग गोविंद को रविवार को नगर की ‘हमारा परिवार’ संस्था द्वारा पंजाबी धर्मशाला में सम्मानित किया। अध्यक्षता समाजसेवी कृष्णलाल मेहता ने की।संस्था के संयोजक दिनेश कपूर ने कहा कि दिव्यांग गोविंद उन सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो किन्हीं कारणों से जीवन से हताश व निराश हो जाते हैं। गोविंद के दोनों पैर नहीं है, इसके बावजूद वह बड़े गर्व के साथ ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट भर रहा है। उन्होंने कहा कि हौसले बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है।